रोहतक। रेलवे स्टेशन रोहतक जंक्शन पर 14 साल से पार्सल घर की सुविधा बंद पड़ी है। इससे आमजन ही नहीं फौजियों को भी अपना सामान लाने और ले जाने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसी वजह से रेलवे के माध्यम से यहां पर न तो कोई सामान आ सकता है और न ही जा सकता है। मजबूरी में व्यापारियों और आम आदमी को महंगे रोड ट्रांसपोर्ट का सहारा लेना पड़ता है। रेलवे अधिकारी का कहना है कि यहां के पार्सल घर से आय कम हो रही थी, इस वजह से इसे 2011 मे बंद किया गया। व्यापारियों का कहना है कि आय बढ़ाने के उपाय खोजने की बजाय रेलवे ने सुविधा को बिल्कुल ही खत्म कर दिया।
रोहतक में कपड़े, नट-बोल्ट आदि का बड़ा कारोबार होने के कारण व्यापारियों ने दोबारा से इसे शुरू करने की मांग करते हुए कहा कि यदि रेलवे पार्सल सुविधा दे तो हम फिर से रेल परिवहन के जरिए पार्सल बुकिंग को प्राथमिकता देंगे। वर्ष 2011 तक 24 घंटे तक संचालित होने वाले पार्सल घर के जरिए रेलवे को प्रतिमाह डेढ़ से दो लाख रुपए की आय होती रही है। पार्सल घर में स्टाफ ज्यादा और बुकिंग कम होने से होने वाले नुकसान का हवाला देकर रेलवे के उच्चाधिकारियों ने अगस्त 2011 में इसे बंद करने के आदेश जारी कर दिए। तब से अभी तक रेलवे स्टेशन पर पार्सल घर की सुविधा बंद है। दूसरे शहरों से रोहतक तक बड़े पार्सल को लाने और ले जाने के लिए सड़क परिवहन का ही सहारा लेना पड़ता है
बॉक्स स्टेशन से रोजाना 85 ट्रेनों का आवागमन रोहतक जंक्शन से रोजाना लंबी दूरी की एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, शताब्दी, गरीबरथ जैसी ट्रेनों का संचालन होता है। इसके अलावा भिवानी, गोहाना, पानीपत, झज्जर, रेवाड़ी जैसे स्टेशनों के लिए मालगाड़ी समेत करीब 85 ट्रेनों का संचालन किया जाता है। जंक्शन ग्रेड श्रेणी का दर्जा प्राप्त स्टेशन से रोजाना 15 हजार के करीब यात्रियों का आवागमन होता है।
दर्जन रेलवे ने ये सुविधा खत्म कर दी है। अब ये शुरू नहीं होगी। पार्सल का ऑफिस बंद हो चुका है। अब हाई बोर्ड कोई पॉलिसी बनाएं, तभी ये सुविधा शुरू हो सकती है।
-बलराम मीणा, स्टेशन अधीक्षक